बुजुर्गों का बीएफ
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सेक्सी करते दिखाओ: बुजुर्गों का बीएफ, सोनिया- सूर्या मुझे क्या? साफ़-साफ़ बोलो न?मैं- सूर्या तुम्हारे साथ एक बार करना चाहता है।सोनिया- क्या?मैं- हाँ.
सेक्सी चाहियेपूजा और रानी साथ एक कमरे में रहती हैं और रोज ‘लेस्बीयन’ करती हैं।उधर पायल अपनी फ्रेण्ड टीना के साथ दूसरे कमरे में रहती थी. दूध wali.comउससे पहले हमारे टीचर आ गए। उस समय मैं शान्त रह गया पर मैंने लंच ब्रेक में अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसकी पिटाई कर दी. कल गुरूजी मुझे स्कूल से निकाल देंगे।’वो मेरी चुदाई की वीडियो गुरूजी के मोबाइल में रिकॉर्ड करने लग गई।फिर सुनील गुरू जी ने मुझे नीचे घोड़ी बना कर चोदा. धर्मवीर मूवीउसमें मादक सिहरन की लहरें उठने लगती हैं और वो अपने ही कामरस में भीगी हुई कुछ कर गुजरने को बेचैन रहने लगती है। जैसे जब किसी छोटे बच्चे के नए-नए दांत निकलते हैं तो वो कुछ भी चबाना चाहता है. |
जहाँ से नये ट्विस्ट की शुरूआत होगी और कहानी को एक मोड़ मिलेगा।सुबह के सात बजे गर्ल्स हॉस्टल में काफ़ी हलचल थी, छुट्टियों के चलते ज़्यादातर लड़कियों के रिश्तेदारर उनको ले आ गए थे और जो कुछ बाकी थीं.बुजुर्गों का बीएफ: मैं बोला- तेरे बेटी की चूत में कल रखा था सरिता रानी।वो बोली- मेरी बेटी के भाग्य खुल गए।मैं बोला- साथ में तेरा भी भाग्य खुल गया सरिता रानी।वो लन्ड हाथ में लेकर सहनी लगी और फिर मुँह में लेकर चूसने लगी।कुछ देर बाद मैं नीचे जाने को बोला. |
हवाई जहाज़ में… हर दिन एक नए वातावरण में, एक नए स्टाइल में मेरा प्रेमी मुझे चोद चोद के मेरा भेजा उड़ाए रखे… मैं उसे चौबीसों घंटे प्यार करूँ… उसका ख्याल रखूं… उसके साथ नहाऊं… वहीं वो मुझे कभी कभी चोद भी दे… मेरा प्रेमी मेरे मेंसेस में भी चूत चूसने से हटे नहीं बल्कि और चस्का लेकर चूसे… और खूब चोदे… मैं तो राजे मेंसेस में इतनी गर्म हो जाती हूँ कि दिल करता है दस दस आदमी मुझे एक साथ चोदें.ये क्या कर रहे हो तुम दोनों?मुझे देखते ही दोनों अलग हुए और सोनाली भाग कर अपने कमरे में चली गई और सूर्या अपने लंड को छिपाते हुए खड़ा हो गया।मैं चिल्लाता हुआ बोला- कपड़े पहनो अपने. ভোজপুরি সেক্স মুভি - बुजुर्गों का बीएफमैं क्या कर रहा हूँ इसकी मुझे परवाह नहीं थी। भाभी ने मेरा लण्ड अपनी चूत पर रखवा दिया और जोर-जोर से मुझसे लिपटने लगी और लण्ड को सहलाने लगी।अब भाभी के चूत में मैंने पहले ही धक्के में अपना लण्ड घुसा दिया.उसे चूमने लगा और समझाने लगा- पहली बार में तो थोड़ा दर्द होता ही है।हम दोनों 5 मिनट तक इसी अवस्था में पड़े रहे. |
उसने मेरी नज़रें शायद पढ़ लीं और अपने हाथ मोड़ कर सीने पर रख लिए और घबरा कर दूसरी तरफ देखने लगी।लड़कियों में यह गुण जन्मजात होता है कि वो पुरुष की इस तरह की नज़रें तुरंत भांप लेती हैं. बुजुर्गों का बीएफ अब तो तुम्हारी झांटें साफ़ करके और तुम्हारी चूत में अपना लण्ड डालकर ही जाऊँगा।वैशाली इठला कर बोली- मुझसे जबरदस्ती करोगे. |
तो जोश के कारण उसकी और मेरी मादक आवाजें कुछ ज्यादा ही निकलने लगीं।फिर ममता ने मेरी पैन्ट की चैन खोलकर मेरा लंड निकाल लिया।मेरा सात इंच का खड़ा लौड़ा देख कर बोली- इतना बड़ा?मैं बोला- आप तो शादीशुदा हो.
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तो फिर एक बार लंड डाल कर उनकी चूत चोदने लगा और 5 मिनट बाद उनके दुबारा झड़ने के साथ ही मैं भी झड़ गया।फिर उनको चुम्बन करते हुए मैं उनकी गाण्ड दबा रहा था।मैंने बोला- डार्लिंग मुझे तुम्हारी गाण्ड मारनी है।तो वो मना करने लगीं. इसलिए मैंने उन्हें वहीं फर्श पर लिटाया और उनके ऊपर आ गया।मैंने लण्ड को चूत के दरवाजे पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा. तो वो भी खुल कर बात कर रही थी।बोली- जरा खुल कर बताओ कि कैसे ख्याल रखते हो?मैंने कहा- भाभी अब मुझे लगता है आपको सब खुल कर नहीं खोल कर ही बताना पड़ेगा।बोली- हाँ.
उसने अपने हाथ ऊपर करके मेरी मदद की और कमीज़ निकालते ही मैं तो जैसे पागल ही हो गया। उसने नीले रंग की ब्रा पहनी हुई थी।फ़िर उसने मेरा टी-शर्ट निकाल दिया और मुझे बिस्तर पर बिठा दिया। वो मेरे ऊपर बैठ कर अपने मम्मों मेरे मुँह में दे दिए। मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा।फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और उसके कैद परिन्दों को आज़ाद कर दिया. छत पर चलते हैं।हम बिस्तर लेकर छत पर चले गए। उसने सीढ़ियों के किवाड़ अन्दर से बंद कर लिए।फ़रवरी का महीना था और हल्की चाँदनी थी। मैंने बिस्तर पर पटक कर कोमल को बाँहों में भर लिया।कोमल एक बहुत ही मस्त माल थी। साली को मैंने पकड़ कर खूब मसला और मस्त चुम्बन किए। मैंने चुंबनों की बरसात कर दी।वो भी पक्की राण्ड थी. मैं झट से खड़ी हुई और मैंने दारू की बोतल उठाई और एक ही साँस में आधी गटक गई।तो एक मैडम की तरफ इशारा करके बोला- ये आज पक्के में हमारी रांड बनेगी.
फिर जाहिरा ने अपनी टाइट्स पहनी तो वो भी उसकी जाँघों और चूत के एरिया में उसके जिस्म के साथ बिल्कुल चिपक गई।मैंने उसकी जाँघों पर हाथ फेरा. जिससे वो और एग्ज़ाइटेड हो रही थी।अभी आगे कुछ और होता उससे पहले मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और लिप किस करने लगा।तब तक मेरा हाथ कैसे शांत बैठा रहता. ’ और खुश होकर पानी लेकर आई और मेरे पास बैठ कर बतियाने लगी। लेकिन आज मैं उसे एक नई नज़र से देख रहा था। उसके घने काले-काले लम्बे बाल.
और पागलों की तरह उछल रही थी।उन दोनों को कुछ भी होश नहीं था कि मैं भी यहाँ हूँ।दस मिनट तक वो उसकी गोद में मज़े ले रही थी। उसके बाद दिव्या उसके कान में कुछ बोली तो अंकित ने उसको गोद से उतार कर बड़े वाले डेस्क पर ले गया और वहाँ लिटा दिया। उसके बाद अंकित अपना लौड़ा उसकी चूत में डालने लगा।इस चुदाई को देख कर मैं भी पागल हो गई थी. अमित अब नीचे पीठ के बल लेट गया और भाभी ऊपर आकर उसके लंड पर बैठ गईं।जैसे ही अमित का लण्ड भाभी की चूत में घुसा, भाभी की ‘आह.
उसकी चूत से पानी निकलने लगा।अब मुझे अपना लंड अन्दर-बाहर करने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी। पूरा कमरा ‘फुच्च.
उनके चूचे मुझसे भी बड़े थे और काले रंग के उनके तने हुए निप्पल मेरे सामने अकड़े हुए दिख रहे थे।माँ जी ने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने मम्मों पर रखा.
मैं भी उनके गोल और उठे हुए चूतड़ों पर गोलाई में घुमा-घुमा कर ‘रबिंग पैड’ से उनकी पिछाड़ी को दबाने लगा। फिर मैंने साबुन लेकर हाथों से चूतड़ों को खूब मला।अब मैं उनकी गर्दन पर साबुन लगाने लगा. मुझे चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था।करीब 5 मिनट बाद मंजू के पैर अकड़ गए और वो मेरे सर को चूत में दबाते हुए सिसकारती हुई- ऊईईई… ईईईई मेरी जान सैम. ’ की आवाज के साथ झड़ गई।मुझे लगा कि मेरा भी पानी निकलने वाला है तो मैंने अपना लण्ड मुँह से बाहर निकाल लिया।अब मैंने उसे सीधा लिटा दिया और अपना लण्ड उसकी चिकनी चूत पर रगड़ने लगा।वो ‘आह.
और आप हो कि मुझे अपना जिस्म एक्सपोज़ करने के लिए कह रहे हो?फैजान मुस्कराया और खुद ही हाथ आगे बढ़ा कर उसके कन्धों से उसके टॉप की डोरी को नीचे खींचते हुए उसकी चूची को नंगा करते हुए बोला- तेरे जैसी गर्म बहन हो. जो के मुझे शादी से पहले ही उसके बिस्तर तक उसकी बाँहों में ले आई थी।शादी के 8-9 महीने बाद भी जब हमारी सेक्स लाइफ और हवस से भरी हुई ज़िंदगी पूरे सिरे पर थी. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !अब मुनिया बड़े मज़े से लौड़े को जड़ तक लेने की कोशिश कर रही थी.
जब सुबह उठी तो वो आदमी मेरे ऊपर पड़ा हुआ था।मैं उठी ही थी कि मैंने देखा एक आदमी का सोते हुए में भी लौड़ा खड़ा है।तो मुझे मस्ती सूझी और मैंने उसे चूसना शुरू कर दिया। वो उठा और मुझे बाथरूम में ले गया.
अब पोजीशन बहुत मस्त बन गई। मेरे नीचे एक लड़का जिसका लंड गाण्ड में घुसा था और दूसरा लड़का मेरी चूत में लौड़ा घुसेड़े हुए था। दोनों धकापेल चोद रहे थे।मैडम मेरे बराबर में अपने मम्मों को चुसवा रही थी और एक लड़का मेरे मुँह में लौड़ा चुसवा रहा था।उनके पीछे से एक लड़का मैडम की गाण्ड मार रहा था। करीब 15 मिनट की बुरी तरह चुदाई चली। अब मैं और दोनों लड़के झड़ गए. सोचते रहो और आगे कहानी का आनन्द लेते रहो।रॉनी और पुनीत अब भी हंस रहे थे मगर सन्नी चुपचाप खड़ा हुआ बस उस कमरे की ओर देख रहा था. प्लीज अब कभी मेरे साथ ऐसा मत करना। मैं उससे शादी करना चाहती हूँ। कहीं किसी को पता चल गया तो मैं कहीं की नहीं रहूँगी।मैं- मीरा.
पूजा और रानी साथ एक कमरे में रहती हैं और रोज ‘लेस्बीयन’ करती हैं।उधर पायल अपनी फ्रेण्ड टीना के साथ दूसरे कमरे में रहती थी. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !फिर पूरा लंड अन्दर करके धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होकर उसे अन्दर-बाहर करने लगी और जब वो अन्दर-बाहर कर रही थी. फैजान मेरे हुस्न और मेरे जिस्म का दीवाना था। हमेशा मेरी गोरे रंग और खूबसूरत जिस्म की तारीफ करता था।ुजब भी मौका मिलता.
वो भी गुरूजी के सामने।इसी बीच सुनील नीचे बैठ कर मेरी चूत को चूमने-चाटने में लग गए। अब मुझसे भी संयम करना मुश्किल हो रहा था। मैं अपने होंठों को काटने लगी और अपने हाथ गुरूजी के बालों में फेरने लगी।मैं एक दीवार के सहारे खड़ी एक नंगी हीरोइन से कम नहीं लग रही थी, मैंने कहा- गुरूजी.
इसके बाद मैंने धीरे-धीरे अपने हाथ को उसकी साड़ी के ऊपर से गांड पर ले जाते हुए उसकी पिछाड़ी को सहलाने लगा। फिर मैं उसकी साड़ी ऊपर की तरफ सरकाने लगा लगा और अपना हाथ उसकी जाँघों तक लाकर सहलाने लगा।फिर मैंने अपना हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ाया और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा। उसने भी चूत को फैला कर मेरा काम आसन कर दिया।मुझे तो बस जन्नत का एहसास हो रहा था। बाद में मैंने उसकी चूत में 2 ऊँगलियाँ फिर 3 ऊँगलियाँ. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।कहानी जारी है।[emailprotected].
बुजुर्गों का बीएफ एकदम लम्बी रॉड जैसा है।फिर मैंने कहा- प्यार नहीं करोगी इसे?तो वो कहने लगी- भैया कर तो रही हूँ।यह कहते हुए वो मेरे लंड को ऊपर-नीचे करने लगी। अब मैं उसकी पैंटी उतारने लगा. जाहिरा- भाभी यह क्या है?मैं- अरे यार तुम्हारे लिए कुछ नई ब्रा मँगवाई हैं मेरा तो मार्केट में चक्कर लग ही नहीं पा रहा था.
बुजुर्गों का बीएफ ये तूने कहाँ से सुना।‘मेरे दोस्त कहते हैं उनमें से कई तो अपने घर में नंगे ही रहते हैं और सब औरतों की बुर देख चुके हैं।’यह सुन कर माँ बोलीं- अच्छा तो ये बात है. हम भी थोड़ी देर में आ रहे हैं।जाहिरा ने एक मुस्कुराती हुई नज़र अपने भाई पर डाली और फिर अपने चूतड़ों को ठुमकाते हुए अन्दर चली गई।मैं फैजान के साथ चिपक कर बोली- देखा अपनी बहन को.
तो मैं सीधा उसके पास गया और हम दोनों मेरी बाइक पर स्कूल की तरफ़ चल पड़े।मुझे तो जैसे यकीन ही नहीं आ रहा था कि मेरी स्वपन सुंदरी मेरे पीछे बैठी है।जब हम स्कूल पहुँच गए.
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तो मैं थोड़ा और मज़े लेते हुए माँ से पूछा- माँ क्या तुम औरतों की भी ये इंपॉर्टेंट होती है?‘ये क्या?’ माँ ने पूछा।तो मैं हँसते हुए बोला- अरे यही जो तुमने मेरा हाथ में पकड़ा हुआ है।माँ मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोलीं- मेरा ऐसा नहीं है. सॉरी मैं बताना भूल गई कि मैं घर में सलवार कमीज़ में ही रहती हूँ और उन्हीं कपड़ों में ही सोती हूँ।तो भाई ने दरवाजा खोला और देखा कि उसी का एक फ्रेण्ड था. अपने जीभ से मेरी बुर को सहलाओ।मैंने भी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसकी बात मानी और उसकी नमकीन बुर को चाटने लगा। उसकी बुर का अलग ही स्वाद था.
और फिर अपने भाई के लंड के अगले हिस्से को अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया।मैं उसके लण्ड के बाक़ी के हिस्से को अपनी ज़ुबान से चाटने लगी।फिर मैंने जाहिरा को बिस्तर पर लिटाया और उसकी दोनों टाँगों को खोल दिया और फैजान से बोली- आ जाओ मेरे प्यारे शौहर जी. इस बार के लिए वैसे भी तेरा शैतानी दिमाग़ कुछ ना कुछ सोचता रहता है।टोनी- नहीं अभी कुछ सोचा तो नहीं है. जहाँ अमीर घर के लड़के और लड़कियाँ जमा किए जाते हैं और उन्हीं को ‘हंस’ कहा जा रहा है और पार्टी के नाम पर वहाँ नशे का कारोबार होता है।आप समझ गए होंगे यह आज की नस्ल को बिगाड़ने का नया तरीका है.
जैसे कोई बड़े गुस्से में खोला गया हो।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !पुनीत और मुनिया तो ऐसे मोड़ पर थे कि उनको यह अहसास भी नहीं हुआ कि कौन आया है, बस मुनिया स्पीड में लौड़ा चूस रही थी और पुनीत उसके मुँह को चोद रहा था।कुछ पल बाद लौड़े से पिचकारी निकली.
इस वजह से अनु अक्सर हमारे घर आता-जाता था।एक दिन मेरे-स्कूल में बायो का प्रैक्टिकल चल रहा था। मैं और मेरी फ्रेण्ड दिव्या साथ में ही थे। यह मेरे इम्तिहानों का फाइनल वाला प्रैक्टिकल था।मैं और दिव्या अपनी ही मस्ती में थे, हम दोनों मेंढक के नीचे वाले अंग देख रहे थे। ओहह. मैं अभी ढूँढ कर दे सकता हूँ।भाभी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कहा- मेरी ब्रा-पैन्टी नहीं मिल रही है। मेरे पास दो ही जोड़े थे. शायद उसने पहली बार लंड को इतने करीब से देखा था।उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने हाथों में मेरा लंड पकड़ कर देखने लगी, बोली- आज तुम अपने इस बड़े लंड से मेरी कुँवारी चूत पर कहर बरसा दो.
लेकिन थोड़ी समय बाद उसके बड़े-बड़े मुलायम कूल्हों की नर्माहट ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया।मेरी बहन उसी शाम को वापस जाने वाली थीं. और वीडियो हैं। ख़ास करके मेरी डार्लिंग मेघा का तो चुदाई वीडियो और उसको चोदते हुए का फोटो पड़ा था।मैं जानता था कि मैंने मना किया है तो वो जरूर देखेगी।मैं सुहाना को उसी कमरे में बैठा कर आया था… जिस कमरे में कैमरा लगा हुआ था. तो माँ जी ने थोड़ा सा हाथ बढ़ा कर हल्के से मेरे मम्मों के ऊपर रखने लगीं। मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था।मैं भी हल्के से माँ जी के चूतड़ों के ऊपर अपना हाथ फिराने लगी.
अब आप बैठो मैं कुछ चाय नाश्ता लाती हूँ।” वो बोली और पायल छनकाती हुई भीतर चली गई।तभी मुझे सामने के मुख्य दरवाजे से भाभीजी आती दिखाई दीं. उसके बाद हमारी बात कम होने लगी, तब उसे चोदने की तमन्ना अधूरी रह गई।लेकिन अचानक मेरी किस्मत चमक ही गई। एक दिन जब वो शिमला से दिल्ली वापिस आ रही थी.
बटर सब कुछ लेकर उसके पास आया और कहा- चल आज कुछ तूफानी करते हैं।मैंने उसे जमीन पर लिटाया और उसकी टांगें बिस्तर पर ले लीं. और उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया।लेकिन वो झट से हाथ छुड़ा के अलग हो गई और मुझे अंगूठा दिखा कर हँस दी. तो जाहिरा फ़ौरन ही उसकी बाँहों से फिसल गई और दूर होकर बोली- बस भाभी अब गेम खत्म।मैं मुस्कराई और उसकी तरफ बढ़ी.
अपने जीभ से मेरी बुर को सहलाओ।मैंने भी आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसकी बात मानी और उसकी नमकीन बुर को चाटने लगा। उसकी बुर का अलग ही स्वाद था.
तो दोबारा छुप कर अन्दर देखने लगी।मैं समझ सकती थी कि अन्दर क्या हो रहा होगा।लाजिमी सी बात थी कि अपने बिस्तर पर जो मैंने जाहिरा की ब्रेजियर फैंकी थी. वो फिर पूरी मस्ती में आ गई।इस बार मैंने देर नहीं की और उसकी टाँगें अपनी कमर पर रख कर अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर लगा दिया और एक ज़ोर का धक्का मार दिया। मेरा एक चौथाई लण्ड उसकी चूत में घुस गया।लण्ड मोटा होने के कारण उसे तकलीफ़ हो रही थी. तो मेरे पूरे शरीर में करंट आ गया।मैंने उससे अपना लौड़े के ऊपर हाथ आगे-पीछे करने को कहा।वो ऐसा ही करने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।फिर मैंने सोचा कि साली के हाथ में इतना आनन्द है तो ब्रा में तो क़यामत ही छुपी होगी।मैंने उससे कहा- मजा आ रहा है?‘हाँ.
वो बहुत शर्मा गई और बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?तो मैं बोला- मुझे तो अपने काम से ही टाइम ही नहीं मिलता है भाभी जी।वो तनिक मुस्कुराई. मैं डर गया।उन्होंने मुझसे पूछा- ये सब कब से चल रहा है?तो मैंने उनको बता दिया और रोने लगा।यह देख कर वो मेरे और पास आ गईं और मुझे अपने तरफ खींच लिया और मुझे चुप कराने लगीं, उन्होंने मेरे सर के ऊपर हाथ फेरा और मुझसे बोलीं- मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊँगी.
जैसे जल्दी से पहले की तरह वो उसको मुँह में लेकर चूसे और उसका रस पी जाए।उसकी नज़र को पुनीत ने ताड़ लिया और उसको अपने से चिपका कर उसके कंधे पर हाथ रख दिए।पुनीत- देख मुनिया. तभी मैं बोला- मैं कोई दवाई नहीं लेता।तो दोनों चौंक कर मुझे देखते रह गए और बोले- ये हो ही नहीं हो सकता।मैं बोला- मैं पहले से ही ऐसा ही हूँ।वो बोली- तुममें तो बहुत ताक़त है।इसके बाद हम सब अलग हुए और चुदाई का खेल खत्म हो गया. इसलिए मैंने उन्हें वहीं फर्श पर लिटाया और उनके ऊपर आ गया।मैंने लण्ड को चूत के दरवाजे पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा.
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इतने में जाहिरा टीवी लाउंज में दाखिल हुई तो मैंने अपनी नज़र उस पर नहीं डाली और भी ज्यादा बेतक्कलुफी से फैजान से चिपक गई।फैजान का हाथ अभी भी मेरी शर्ट के अन्दर मेरी चूची से खेल रहा था। उसकी बहन ने आते ही सब कुछ देख लिया था।मैंने देखा कि चंद लम्हे तो वो वहीं रसोई के दरवाजे पर खड़ी हुई यह नज़ारा देखती रही.
तो मेरे पूरे शरीर में करंट आ गया।मैंने उससे अपना लौड़े के ऊपर हाथ आगे-पीछे करने को कहा।वो ऐसा ही करने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।फिर मैंने सोचा कि साली के हाथ में इतना आनन्द है तो ब्रा में तो क़यामत ही छुपी होगी।मैंने उससे कहा- मजा आ रहा है?‘हाँ. तुम माँ-बेटे को इस घर से दूध में से मकखी की तरह निकाल फेंकूगा।संजय की बात सुनकर सुनीता रोने लगी, उसकी खूब मिन्नतें की. शादी के बाद मैंने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया।आपको मेरी कहानी अच्छी लगी या नहीं, प्लीज़ मुझे अपनी राय लिख भेजिए.
फिर मैंने उसे सूंघ कर देखा तो लड़कियों की चूत के रस की बास उसमें रची-बसी हुई थी।मैंने खूब गहरी सांस लेकर वो महक अपने में भर ली, डिल्डो को वैसे ही लपेट कर अपनी जेब में रखा और वापिस चला आया।उसी दिन दोपहर को मैं आरती के घर जा पहुँचा। संयोग से आरती घर पर अकेली थी. तो वो दोनों नीचे एक-दूजे को बाँहों में भर कर चुम्बन कर रहे थे।फिर उसका पति अपनी वाईफ की नाइटी ऊपर करके उसकी चूत को चूसने लगा ओर उसकी वाईफ मेरी तरफ देखकर उससे बोली- यार आज कोई मस्ती भरी बात क्यों नहीं कर रहे हो?तब उसका पति बोला- आज तुम इतनी क्यों गर्म हो रानी?तो वो बोली- यार मुझे बहुत ही इच्छा हो रही है. क्सक्स हिंदी बफमेरी यह कहानी आपको वासना के उस गहरे दरिया में डुबो देगी जो आपने हो सकता है कभी अपने हसीन सपनों में देखा हो.
अब मेरी होने वाली है।अनु के लंड के टच करते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैं बुरी तरह तड़प रही थी।अनु 5 मिनट तक मेरी चूत को अपने लंड से सहलाता रहा. यह एक परेशानी का सबब था।मैंने जानबूझ कर उस ऑटो वाले को पैसे देकर बस स्टैंड के बाहर ही रुकवा लिया ताकि अगर कोई बस नहीं मिली.
कुँवारी फुद्दी में इतनी आसानी से लौड़ा नहीं घुसेड़ा जाता उसको चाट कर चिकना करना पड़ता है।इतना कहकर अर्जुन मुनिया की चूत के पास गया और उसे देख कर उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं. मैं उसके लण्ड को उसकी पैन्ट के ऊपर से ही अपनी मुठ्ठी में लेते हुए बोली- जानू तुम्हारा तो लंड भी फुल टेन्शन में है. ताकि हमें एक-दूसरे की याद आती रहे।उसके बाद मैं लन्दन में पढ़ाई के लिए चला गया और वो भी पढ़ाई के बहाने शहर छोड़ के चली गई।उस दिन के बाद मैंने कभी उसे देखा नहीं, वो कहाँ है, कैसी है मुझे कुछ पता नहीं है।मैं दुआ करता हूँ कि वो जहाँ भी रहे.
लेकिन जब पानी बाहर आया तो वो ‘सू सू’ नहीं कुछ चिपचिपा मलाई जैसा कुछ था।उसे देख कर रोहन तो पागल सा हो गया और अपनी पैन्ट उतारने लगा।अब मुझे भी उसका लण्ड को देखने का मन करने लगा, जब उसने पैन्ट उतारी. चोदता ही रहा।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !उसके बाद मैंने उसको अपनी बाजुओं में उठाया और लंड को नीचे से उसकी चूत में पेल दिया, वो रो रही थी लेकिन मैं चोदता ही रहा।थोड़ी देर में उसकी ‘आहें’ आनी शुरू हो गईं और मैंने उसको काफ़ी देर बाद जब नीचे लिटाया. ’मैं और सूर्या दोनों मिल कर उनको स्टेशन छोड़ आए।सूर्या- कुछ हुआ?मैं- जल्दी हो जाएगा।सूर्या- साले मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है अब तुम मेरी बहन के साथ घूम रहे हो और मैं अपने लौड़े को हाथ से हिला रहा हूँ।मैं- कोशिश कर रहा हूँ.
उसने अपनी चूत में मेरा लंड सटाया और सीधे बैठ गई और चीखने लगी। मैं देख कर दंग रह गया प्रियंका भी यह देख दंग रह गई। उसकी इस जल्दबाजी के कारण मुझे भी थोड़ा दर्द हुआ.
जैसा कि मैंने आपको अपनी पिछली कहानीअंजलि की चूत और गाँव के गबरू -1में बताया था कि कैसे मैंने एक हाइवे पर गैरों को पकड़ा और कैसे चुदवाने जा रही थी।अब आगे की चुदाई मैं आपको इस भाग में बताने जा रही हूँ।मैं नीचे बैठी थी, मेरे चारों ओर तन्नाए हुए लौड़े खड़े थे. वो अपने हाथों से अपनी चूचियों दबाने लगी।फिर कुछ देर पढ़ते-पढ़ते उसने अपनी चूचियों को बाहर निकाल लिया और खुल कर दबाने लगी। धीरे-धीरे वो अपने कपड़े उतारने लगी और पूरी नंगी होकर कहानी पढ़ने लगी।उसके नंगे बदन को देख कर मैं भी अपने आपको काबू नहीं कर पाया और उधर वो भी गरम हो ही गई थी। मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसके कमरे में चला गया।अब आगे.
कर रहा था इसलिए उन्होंने मेरी मम्मी से बात की।उन्होंने फीस भी देने की बात कही।जब मम्मी ने मुझसे पूछा तो मैंने थोड़ा बहाना बनाने के बाद ‘हाँ’ कर दी।भाभी ने मुझे अगले दिन दस बजे आने को कहा। मैं अगले दिन दस बजे सभी तरफ से एकदम चिकना बनकर उनके घर पहुँचा।मैंने घन्टी बजाई. वो पूरा पसीने से लथपथ था जैसे शायद उसका गला सूखा जा रहा था। लंड अन्दर पानी छोड़ चुका होगा और ऊपर से हॉट मूवी आग में घी का काम कर रही थी।सूर्या मूवी देख कर और भी चुदासा होता जा रहा था. उसने अपने हाथ से अपनी बहन की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।जाहिरा के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं.
चुपचाप शर्मा कर चली जाती थी।एक दिन भावना भाभी अपने कपड़े लेने के लिए दोपहर को छत पर आई और उस वक्त वो बहुत खुश दिख रही थी।वो कपड़े उठाकर जा ही रही थी कि तभी उसके हाथ में से उसकी लाल रंग की ब्रा नीचे गिर गई और वो मुझे देखती हुई चली गई।मैंने देखा कि भाभी ने जानबूझ कर ब्रा गिराई थी। मैं गया. मैं उठ कर खड़ा हो गया और उसकी तरफ मुड़कर उसे देखने लगा।दोस्तो, मुझे आपके पत्रों का इंतजार रहेगा।कहानी जारी है।[emailprotected]. साथ ही उसको चोदने की लालसा में मेरा लौड़ा भी खड़ा होकर बड़ा होने लगा था।मैंने अपने पैर से उसकी कमर से नीचे को सहलाया और अपने अँगूठे से उसकी चूत को दबा दिया.
बुजुर्गों का बीएफ ’ निकल गई और वो अब धीरे-धीरे लंड पर कूदने लगीं और मीठी-मीठी सिसकारियां लेने लगीं।इतनी देर से यह सब देख कर मेरी चूत से भी पानी निकलने वाला था. मुझको देख कर दोनों ग्रुप चुप हो गए। निम्मी और मैरी मुझको अपने टेबल पर बुला रही थी और शानू और बानो अपने टेबल पर बुला रहीं थी।मैं समझ गया कि दोनों ग्रुप आपस में मिले हुए थे.
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अब वो भी थक गया था और मेरे बगल में पड़ा था।मैं उठी और मैंने कहा- आज इस 8″ के लंड ने मुझे जन्नत दिखा दी है. जिसे नीचे करके रात को उसका भाई उसकी चूचियों को देख रहा था और चूसा भी था।मैं हैरान थी कि दोनों क्या बातें कर रहे हैं। हमारा घर तो छोटा सा ही है. एक बार मुझे उससे मिला दो ना प्लीज़!इतना कहते ही वो मेरे लंड पर बैठ गई और मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया।मैंने नीचे से उसकी चूत में ठोकर मारते हुए कहा- ओके.
आपकी चूचियाँ अब तक टाइट हैं।अब भाभी को आगे झुका कर मैं उनकी पीठ को चूम रहा था, भाभी के पीठ काफ़ी चौड़ी थी. भाभी के जाने के बाद अमित मेरे पास आकर बैठ गया।मैंने उस समय सलवार और एक ढीली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी।अमित मुझसे पूछने लगा- दीदी, आप तो अब बड़ी हो गई हैं. एक्स एक्स एक्स वीडियो टीचरतूने ज़रूर इसे तेज़ रगड़ दिया होगा। तो मैं माँ के निप्पल छूते हुए बोला- पहले ये बताओ कि इसे नीचे कैसे करूँ.
आप बहुत खराब बातें करती हो।मैं भी उसके साथ मिल कर हँसने लगी।फिर जाहिरा वो बैग लेकर अपने कमरे में चली गई.
अब वो एकदम लोहे की छड़ जैसा हो गया था।मेरे 8 इंच के लंड ने कोमल को थोड़ा डरा दिया था, वह बोली- इतना बड़ा कैसे घुसेगा. तो मुझे डर लगने लगा और मैं भाई के कमरे में गई तब वो अपने लैपटॉप पर मूवी देख रहे थे।मुझे देख कर वो मुस्कुराने लगे और इशारे से मुझे अपने पास बुलाया।वे बोले- क्या हुआ?पूजा- भाई मुझे डर लग रहा है इसलिए यहाँ आई हूँ।पुरु- हाँ.
तो जाहिरा फ़ौरन ही उसकी बाँहों से फिसल गई और दूर होकर बोली- बस भाभी अब गेम खत्म।मैं मुस्कराई और उसकी तरफ बढ़ी. तो ज़ोर-ज़ोर से साँस भरने लगती।यह क्रिया काफ़ी देर तक चली, जिससे वह शिथिल पड़ने लगी।फिर वह उसके स्तनों पर आ गया. बस रोटी भर बनानी है।तो मैं बोला- चलो आज मेरे हाथ की बनी रोटी खाना मैं बनाता हूँ।पूजा- क्या तुम्हें खाना बनाना आता है? चलो बनाओ।फिर मैंने अपनी शर्त और पैन्ट उतार दी। अब मेरे तन पर मात्र बनियान और अंडरवियर था। मैंने आंटा गूँथ कर रोटी बनानी चालू कर दी। वह भी मेरे साथ खड़ी हो गई और मुझे देखने लगी।तभी वह जोर से हँसी- हा हा हा हा हा.
माँ के चूतड़ और जाँघें इतनी मुलायम थे कि मैं विश्वास नहीं कर पा रहा था।फिर मैंने अपना हाथ उनकी जाँघों के बीच डाला तो मैं हैरान रह गया।आज माँ की बुर एकदम चिकनी थी.
फिर उसके मम्मों को मुठ्ठी में भर कर दबाने और भंभोड़ने लगा।वो मस्ती से गर्म हुए जा रही थी और उसकी कामुक आवाजों से कमरा गूँज रहा था।फिर मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी चूत को चाटने लगा, वो बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी।फिर मैंने उसकी करारी चूत में उंगली करना शुरू कर दी. सम्पादक – जूजा जीदोस्तो, यह कहानी पड़ोसी मुल्क से किसी पाठिका ने भेजी है जिसे मैंने सम्पादित किया है। इस कहानी को सीधे उसी पाठिका के माध्यम से आप सबकी नजर कर रहा हूँ. देखने लगे।लगभग 10 मिनट बाद अमित भी अपनी आँखें मसलता हुआ बाहर आया जैसे नींद से उठा हो।वो हमारी और देखकर मुस्कुराया और हमारे पास आकर बैठ थोड़ी देर टी.
भाभी की चूत दिखाओउस समय उसने सफ़ेद सलवार कुरती पहन रखी थी।मैंने उसको देखा तो पहले भी था लेकिन हवस की नज़र से आज पहली बार देख रहा था। उसकी पूरी बॉडी सन्नी लियोनि के जैसी थी। रेशमी बाल. यह एक परेशानी का सबब था।मैंने जानबूझ कर उस ऑटो वाले को पैसे देकर बस स्टैंड के बाहर ही रुकवा लिया ताकि अगर कोई बस नहीं मिली.
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मैंने उसे बाहर निकाल लिया और पायल की चूत पर हल्के से रगड़ने लगा। कसम से क्या बताऊँ उसकी चूत को छूते ही लौड़े में करंट पैदा हो गया. फिर मैंने अपना हाथ उठा कर दूसरी चूची पर रख कर उसकी साइज़ का माप लिया।सुमन कुछ नहीं बोली। फिर मैंने धीरे-धीरे हाथों को कभी एक. मैं नजदीक से देखता ही रहा… बुर की संरचना स्पष्ट दिखाई दे रही थी।अब सुनीता रोज बुर दिखाती और 5 अमरूद ले जाती। कुछ दिन बीतने पर मैंने कहा- अपनी बुर छूने दोगी तो आम भी दूँगा।वो बोली- ठीक है.
फिर उसकी सास अपने बेटे की दूसरी शादी कराएगी क्या?वो बोली- वो कभी नहीं मानेगी और किसी को पता चल गया तो?मैंने कहा- मनाने का काम तो तुम्हारा है। वैसे तुम इतने महीने से मुझ से चुदवा रही हो और अभी भी चुद रही हो इसका किसी को पता नहीं चला. हट्टा-कट्टा 27 साल का बंदा हूँ।मैंने बहुत बार सोचा कि इस वेबसाइट के ज़रिए मैं अपनी आपबीती कहानी आप लोगों तक पहुँचा सकूँ। फिर अंततः आज मैं अपनी कहानी आप तक भेज रहा हूँ उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी।यह बात आज से दो महीने पहले की है। मैं अपने घर में अकेला ही था. उसने करवट ली हुई थी और अपनी एक टाँग आगे को करके मोड़ी हुई थी। जिसकी वजह से उसकी टांग जाँघों तक नंगी हो रही थी। उसके खूबसूरत चूतड़ बाहर को निकले हुए थे।जैसे ही हम दोनों की नज़र जाहिरा पर पड़ी.
उम्र 20 की थी, मेरा पूरा बदन भरा-पूरा था, मेरे काले घने बाल लेकिन छोटे थे।उसी कालखण्ड में कहानी लिख रही हूँ।बहुत से लड़के मुझ पर मरते हैं. मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं।यह बात तब की है जब मेरी शादी को हुए 2 महीने हुए थे। मेरे पति दुबई में काम करते थे। मेरी सुहागरात के दिन वो सब नहीं हुआ. ब्रा और साड़ी के पल्लू के सहारे ढक दूँ। उनकी गोलाई और उभार को छिपा नहीं सकती। जो भी मुझे देखता, मेरी वक्ष-संपदा से तुरंत परिचित हो जाता।उम्र के लिहाज़ से मेरे नितंब भी काफ़ी उभर आए थे और कमर चौड़ी और जाँघ भारी और मांसल लग रही थी।जिस्म का रंग काफ़ी गोरा था.
पर वो नहीं माना और उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी चूचियाँ मसलने लगा।पहली बार कोई अजनबी मेरे नंगे बदन को इस तरह से मसल रहा था। जैसे ही उसने मुझे छुआ. एकदम कड़क और भरे हुए मम्मे मेरे सामने नंगे उछलते देखकर मेरी हालत खराब हो गई।मेरा लंड पूरी तरह से बेकाबू होकर उछलने लगा था.
मैं उसे पूरा क्लीन शेव्ड लण्ड दिखाना चाहता था।अब मैं बाल्कनी के दरवाजे के पीछे खड़ा रह कर फिर से उसकी कोई हरकत या बात या आवाज़ सुनने की कोशिश कर रहा था।काफ़ी देर बाद उसने फिर से डोर खोला और तेज हवा की वजह से दरवाजा दीवार पर ज़ोर से टकराया.
दोनों बहुत पसंद आए।उस रात मैंने उसे अलग-अलग तरीके से 4 बार चोदा।उसके बाद तो 15 दिन तक चुदाई का सिलसिला ही चल निकला। वो तो मेरे लण्ड की दीवानी हो गई थी। अब जो वह जब भी दिल्ली आती. सेक्सी ब्लू पंजाबी फिल्मउसकी कामुक आवाजें निकलने लगीं मैंने अपनी उंगली से उसकी चूत की चुदाई करना शुरू कर दिया।करीब 2-3 मिनट में ही वो झड़ गई और मेरा हाथ उसके पानी से गीला हो गया।मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. bf xxx वीडियोउसी वक्त वो एकदम से फिर से अन्दर आ गईं।अब मैं उनके सामने नंगा खड़ा था, मेरा लण्ड देख कर वो कामुकता से हँसने लगीं।फिर मेरे नजदीक आकर खरोंच देख कर हँस कर बोलीं- तुम तो बहुत बाल-बाल बचे. और दोपहर को लौट आता था। मेरा कॉलेज में एक लड़की के साथ अफेयर था। मैं उसे कई बार किस कर चुका हूँ। उसके साथ सेक्स करना चाहता था.
तो मैंने लंड पर फिर जरा से वैसलीन लगा के पीछे से उसकी चूत में लंड को धकेला और मेरा लंड उसकी चूत में अच्छे से समां गया।मैंने पूछा- सुमन दर्द हुआ क्या?तो वो बोली- नहीं भैया.
तो कभी कहीं किसी हिल स्टेशन पर चले जाते हैं।अब मेरे साथ दिक्कत यह हो गई कि मेरे ब्वॉय-फ्रेण्ड की शादी हो चुकी हैं. 5 लंड खा चुकी थी।सूर्या- क्या?मैं- हाँ उसकी चूत तो पहले से फटी थी गाण्ड मैंने फाड़ दी।सूर्या- इतने लंड खा चुकी है. वहीं मेरा दोस्त भी आ गया था। तब तक और मैंने उसे एक पेपर में अपना नंबर लिखा और दोस्त से बोला- ये कागज़ उसे दे दो।उसने दे दिया.
कोका धीरे-धीरे उसके चूत के दाने पर उंगली की नोक का प्रहार कर रहा था।फिर उसने दो उंगलियां डालीं और अंत में तीन उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया। वह काफ़ी देर तक उसकी उंगलियों से चुदाई करता रहा। वह औरत भी गान्ड ऊपर उठा-उठा के झटके देने लगी. पर ट्रिप में लड़कियाँ होने की वजह से मैंने ‘ना’ करना चाहा तो प्रिन्सिपल ने कहा- उनकी चिंता आप मत कीजिए प्रिया मैडम भी जा रही हैं. तब तक माँ पेशाब कर चुकी थीं और मैं भी और दीदी के मूतने का इन्तजार करने लगे।जब दीदी मूत कर खड़ी हुईं तो हम सब कमरे में आ गए।मेरा लंड अभी भी एकदम खड़ा था।माँ पलंग पर टेक लगा कर बैठ गईं और मुझे अपने पास बैठा लिया।दीदी भी हम दोनों के सामने बैठ गई।फिर माँ मेरे सुपारे को हाथ में लेकर बोलीं- ठीक है.
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मैं अपनी किस्मत पर रो रहा था कि काश आज अंजलि की दीदी नहीं आती तो अब तक मैं अंजलि को दो बार चोद देता। मैंने मन ही मन विचार किया कि चाहे कुछ भी हो जाए. इतना कहकर उसने एकदम से बीच वाली बड़ी उंगली मेरे छेद के अन्दर डाल दी।दो मिनट के लिए मेरी आँखों के सामने अंधेरा सा छा गया और ऐसा लगा कि कोई मेरे छेद को चीरता जा रहा है।थोड़ी देर अन्दर-बाहर करके उसने मेरी गाण्ड के छेद को फ्री कर दिया और मैं बिल्कुल ककड़ी के ऊपर अपनी गाण्ड को रखकर बैठ गया. तुरंत भाभी का कॉल आ गया।भाभी मन ही मन अपनी तारीफ में बहुत खुश थीं। उनके ‘हैलो’ बोलते ही मैंने कहा- भाभी आपकी आवाज़ बहुत प्यारी है.
फैजान ने अब झुक कर जाहिरा की खूबसूरत चूचियों के दरम्यान उसकी गोरी क्लीवेज को चूम लिया और फिर आहिस्ता आहिस्ता उसमें अपनी ज़ुबान को फेरने लगा।जाहिरा की चूचियों की चमड़ी इतनी सफ़ेद और नरम थी कि जैसे ही वो जोर से वहाँ पर किस करता.
उनकी बिना बालों वाली गुलाबी चूत मेरे सामने थी।मैंने अपनी जीभ डाल कर चूसना-चाटना स्टार्ट कर दिया।भाभी बहुत ज़्यादा गरम होने लगीं.
क्योंकि मैं भाभी को नंगी नहाते हुए देखना चाहता था।कुछ देर तक तो मैं लंड हिलाता रहा, फिर भाभी नहा कर बाहर आईं और कपड़ा फैलाने छत पर गईं।इतनी देर में मैंने दरवाजे में छेद कर दिया। भाभी वापस आकर मेरे पास बैठ गईं। कल की तरह आज भी उनका ध्यान मेरे पैंट के उभार पर ही था।कभी-कभी की-बोर्ड पर मेरा हाथ भाभी के हाथ से छू जाता था. उस दिन पूरे ऑफिस में और कोई नहीं था। यूँ ही बातों-बातों में मेरी और उसकी सेक्स के टॉपिक पर बात होने लगी।उसने मुझसे पूछा- तुमने किसी के साथ सेक्स किया है?तो मैंने कहा- हाँ. मोटी लेडीस की सेक्सी वीडियोमैंने महसूस किया कि अब जाहिरा भी घर में उस बिल्कुल ही नंगी ड्रेस में फिरने में कोई भी शरम महसूस नहीं कर रही थी और बड़े आराम से उस हाफ शॉर्ट बरमूडा और उस स्लीव लैस नेट शर्ट में बिंदास घूम रही थी.
जिसकी वजह से उसका खूबसूरत गोरा-चिकना सीना भी काफ़ी खुला सा नज़र आ रहा था। लेकिन चूचियाँ या क्लीवेज तो नहीं दिख सकता था। सोने के वक़्त तक भी जाहिरा अपने जिस्म की जलवे बिखेरती रही और अपने भाई पर अपनी हुस्न की बिजलियाँ गिराती रही।रोज़ की तरह आज भी सोने के लिए मैं और फैजान पहले ही कमरे में आ गए।अब जो आग जाहिरा ने अपने भाई के जिस्म और दिमाग में लगाई थी. उसने थोड़ा सा पीछे होकर अपनी टी-शर्ट को नीचे से पकड़ा और ऊपर उठा कर अपनी शर्ट को अपने जिस्म से उतार कर बिस्तर पर फेंक दिया।अब जाहिरा का ऊपरी बदन सिर्फ़ और सिर्फ़ उसकी ब्लैक रंग की ब्रा में था और नीचे उसने टाइट्स पहनी हुई थी।जाहिरा को इस हालत में देख कर फैजान की तो जैसे फट कर हाथ में आ गई हो. उसने उस समय कुछ कहना ठीक नहीं समझा और वहाँ से अपने कमरे में आ गई।तब तक पायल भी सो गई थी और पूजा सोचने लगी कि उसने बबलू के साथ चुदाई की या किसी और के साथ? बस इसी उलझन में वो काफ़ी देर जागती रही और कब उसको नींद आ गई.
बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही करते रहो।मैंने थोड़ी देर सहलाने के बाद उसके आगे अपना लण्ड कर दिया।मैं बोला- इसे अपने मुँह में लेकर चूसो।वो बोली- नहीं. इसी कारण मेरे बच्चों के बीजों को मैं हमेशा कंडोम में छुपा लेता था।करीब 6 बजे होंगे और मैं मीना भाभी की आस देखता हुआ मेले के स्थल के प्रवेश के करीब ही खड़ा हुआ था।तभी मुझे दूर से मीना भाभी और उनकी सहेली संगीता आती हुई दिखीं। उसका शायद अकेला आना मुश्किल था.
दोस्तो, मेरी कहानीकमसिन भांजी की कुँवारी बुरका दूसरा हिस्सा मैं आपके सामने पेश कर रहा हूँ।मैं जो भी कहानी लिख रहा हूँ उसमें नाम मात्र की भी कल्पना नहीं है, मैं अपने सच्चे निजी अनुभव लिख रहा हूँ।मेरी भांजी पुष्पा जो स्कूल में पढ़ रही थी और उसी समय मैंने उसकी सील तोड़ दी थी.
माँ को वैसा ही छोड़ कर सो गया।इस कहानी के बारे में अपने विचारों से अवगत कराने के लिए मुझे जरूर लिखें।कहानी जारी है।[emailprotected]. अचानक भाई ने मेरे सर को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से झटके देने शुरू कर दिए।कुछ ही देर में उनके लंड से तेज वीर्य की पिचकारी मेरे गले में उतरने लगी।ना चाहते हुए भी मैं उनका सारा माल पी गई।पुरु- आह्ह. फैजान ने जोर से मुझे अपनी सीने से चिपका लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों से मसलता हुआ बोला- बस करो.
सेक्सी मूवी सनी लियोन ’ बोलते हुए वो मेरी गोद में बैठ गई।मैं उसकी पीठ पर किस करते हुए उसकी चूचियों को मसलने लगा।उधर वे दोनों अलग होकर बिस्तर पर ही खड़े हो गए… तो हम दोनों भी अलग हो गए ये देखने के लिए कि क्या हो रहा है।मैंने देखा सोनाली उसके लंड को पैंट के ऊपर से मसल रही थी. तो बताया क्यों नहीं?सोनाली- मैंने बहुत कोशिश की लेकिन तुमने कभी ध्यान ही नहीं दिया और अभी भी ज़बरदस्ती नहीं करती तो क्या तुम मानते?सूर्या- सुशान्त मुझे भाई बोलता है ना.
तुम चिंता मत करो।मैंने भाभी के मम्मों को धीरे से हाथ लगाया और दबाने लगा। मेरे ऐसा करने से उनको बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुझे बस देखती रहीं।फिर कुछ देर बाद भाभी ने कहा- कल 12 बजे मैं जब बाथरूम में नहाने जाऊँगी. एक ही शॉट में आधा लंड उसकी चूत समा गया। उसकी चूत की गर्माहट और चिकनाहट से मेरा आधा लंड सरसराता हुआ अन्दर घुस गया था।उसकी एक दबी सी आह्ह निकल पड़ी- उई. तो मुझे डर लगने लगा और मैं भाई के कमरे में गई तब वो अपने लैपटॉप पर मूवी देख रहे थे।मुझे देख कर वो मुस्कुराने लगे और इशारे से मुझे अपने पास बुलाया।वे बोले- क्या हुआ?पूजा- भाई मुझे डर लग रहा है इसलिए यहाँ आई हूँ।पुरु- हाँ.
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यह बता कि मुझे क्यों बुलवाया तूने?’ मैंने पूछा।‘बड़े पापा आपने उस दिन मुझे अपना बनाने के बाद कभी मेरी खोज-खबर ली ही नहीं. वो अपने भाई के सिर के बालों को पकड़ कर खींच रही थी और नोंच रही थी। उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी और वो अन्दर से बिल्कुल चिकनी हो चुकी हुई थी।फैजान ने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अन्दर डाली. हम भी थोड़ी देर में आ रहे हैं।जाहिरा ने एक मुस्कुराती हुई नज़र अपने भाई पर डाली और फिर अपने चूतड़ों को ठुमकाते हुए अन्दर चली गई।मैं फैजान के साथ चिपक कर बोली- देखा अपनी बहन को.
लेकिन चिल्लाई नहीं।मैं थोड़ी देर वैसे ही रहा और उससे बातें करने लगा, फिर धीरे-धीरे अपना लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।जितना मज़ा चूत में नहीं आ रहा था. वो भी सबसे अलग-अलग होकर दूर-दूर बैठे हुए थे। हमने भी एक कॉर्नर में अपनी जगह बना ली। हॉल में बहुत ही ज्यादा अँधेरा था। फैजान को दरम्यान में बैठा कर मैं और जाहिरा उसके दोनों तरफ बैठ गईं।आप सब इस कहानी के बारे में अपने ख्यालात इस कहानी के सम्पादक की ईमेल तक भेज सकते हैं।अभी वाकिया बदस्तूर है।[emailprotected].
मुझे अब बेचैनी होने लगी थी और मैं जल्दी से जल्दी अपनी मंजिल पा लेना चाहता था। मेरे लिंग में बहुत देर से तनाव था और अब पेट के निचले हिस्से में हल्का-हल्का दर्द सा होने लगा था।मैंने आरती की बाहें अपने गले में डाल लीं और उसकी कुर्ती फुर्ती से पकड़ कर ऊपर ले जाते हुए उसके सिर पर से निकाल दी। उसने कुर्ती को अपनी मुट्ठी में कस कर पकड़ लिया.
कभी बाँएं और कभी दाँएं चूचुक को चुभला रहा था।वो लगातार सिसकारियां ले रही थी और मेरे सिर को पकड़ कर अपने बोबों पर दबा रही थी।थोड़ी देर बाद मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चूत में उंगली डालने लगा तो ऐसा लगा जैसे मैंने अपना हाथ किसी गैस के चूल्हे पर रख दिया हो।अब उसके मुँह से और भी ज्यादा जोर से सिसकारियां निकलने लगी थीं और चूत से पानी बहने लगा था. लेकिन तूने भी आकर मेरी कोई मदद नहीं की और वैसे ही भाग गई।जाहिरा शर्मा कर बोली- मैं भला क्या मदद कर सकती थी आपके. भाई कुछ बोलता उसके पहले टोनी ने फ़ोन काट दिया और कार की तरफ़ बढ़ गया।इधर सुनील और विवेक की नज़र सन्नी पर ही थी.
खुद तो जैसे-तैसे करके सो जाता है और मुझे हर तरफ से गीला कर देता है।तो मैं हँसने लगा और कहा- तुम भी तो मज़े ले रही थीं।तब तक शायद माँ की बुर काफ़ी गीली हो चुकी थी और खुजलाने भी लगी थी. मैंने फिर चालू कर दिया, चाची के मुँह से अजीब-अजीब आवाजें सुनकर मुझे मज़ा आने लगा।तभी चाची भी मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं और मैं भी उनकी चूत में उंगली करता रहा।कुछ देर बाद मुझे कुछ अजीब सा लगा मेरे लौड़े से कुछ निकलने ही वाला था. आप सब इस कहानी के बारे में अपने ख्यालात इस कहानी के सम्पादक की ईमेल तक भेज सकते हैं।अभी वाकिया बदस्तूर है।[emailprotected].
मैं दुबारा उठा और फिर से डांस करने लगा। डांस करते-करते मैं उसके साथ लिपट गया और उसको अपनी बाहों में कस लिया।वो मुझ पर चिल्लाई- यह क्या बदतमीज़ी कर रहे हो.
बुजुर्गों का बीएफ: तो समझ तेरी नौकरी पक्की हो जाएगी।मुनिया- हाँ बाबूजी कोशिश करूँगी।वो तीनों बातें करते रहे और कुछ देर बाद गाड़ी एक बड़े से फार्म हाउस के अन्दर चली गई। गाड़ी से उतर कर वो अन्दर गए तो इतने बड़े घर को देख कर मुनिया की आँखें चकरा गईं।मुनिया- अरे बापरे बाबूजी इतना बड़ा घर?रॉनी- अरे डरती क्यों है. ’मैं मुस्करा दी और फिर अपनी ज़ुबान को नीचे को लाते हुए जाहिरा की कुँवारी चूत के बिल्कुल तंग और टाइट सुराख के अन्दर डालने लगी।बड़ी मुश्किल से मेरी ज़ुबान जाहिरा की चूत के अन्दर दाखिल हो रही थी। मैंने आहिस्ता आहिस्ता अपनी ज़ुबान को जाहिरा की चूत के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।जाहिरा से भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था.
जो कि उसकी पैन्ट में अकड़ रहा था।मैंने उसे किस करते हुए उसकी पैन्ट खोल कर नीचे गिरा दी और उसके लण्ड को उसकी अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ लिया।फैजान का लंड अकड़ा हुआ था और अंडरवियर में कड़क हो रहा था।मैं उसके लण्ड को सहलाते हुए आहिस्ता आहिस्ता सरगोशियाँ करने लगी- फैजान. जो मेरी बाँहों में है।सोनाली- अच्छा सबसे ज्यादा मजा किसके साथ आया?मैं उसको किस करते हुए बोला- मेरी इस जान के साथ. तो घर पर कोई प्राब्लम नहीं हुई थी।फिर मैंने मैडम को ‘बाय’ कहा तो मैडम बोली- अगली बार कब?मैं बोली- जो फटा है.
लेकिन मैंने इस तरह अश्लील साहित्य के सहारे जलती हुई वासना की आग में और भी घी डाल दिया था।भारी साँसें भरती हुई मैंने दोबारा उन किताबों के अन्दर झाँका.
वो चुदने के बाद में बता रही थी कि उस दौरान वो चार बार झड़ी थी।जब मेरा निकलने को हुआ तो वो बोली-अन्दर ही डाल दो. इतना कहकर पुनीत बड़े सेक्सी अंदाज में मुनिया की जाँघों को सहलाने लगा।मुनिया के जिस्म में तो बिजली दौड़ने लगी थी।मुनिया- ककककक. मैंने भाभी को रूकने का इशारा किया और बाथरूम की ओर बढ़ गया।दोनों लोग मेरे पीछे-पीछे आ गईं और जैसे ही मैं पेशाब करने के लिए बढ़ा तो प्रज्ञा मेरे पीछे आकर मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाने लगी और बोली- हाय.
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